जोरहाट – कविता: मनोज शर्मा

मिट्टी है चारों ओर जन–जन के हाथ में मिट्टी है यहाँ मिट्टी का ही मौसम है… दूर तक फैला है

Read more

सफ़र – कविता: मनोज शर्मा

जितना जिया सही शर्तों पर यही सुखद है… उम्मीदों पर लगाईं मोहरें उमंगों को दिए नए चेहरे रहा बहुत सा

Read more

प्रेत – कविता: मनोज शर्मा

यह रात अंधियारी है जड़ों तक फैली हैं बड़ की शाखाएं और एक प्रेत उलटा लटका राहगीरों से पूछ रहा

Read more

रोज़नामचा – कविता: मनोज शर्मा

हवा में नमी नहीं है फिर भी खिल गए हैं सभी फूल धधकते सूरज के इस कालखंड में एक चित्रकार

Read more

इबादत है तू मेरी : कविता – अलका अग्रवाल सिगतिया

जि़ंदगी नहीं ख़्वाब नहींफितरत है तू मेरी अक़ीदत नहीं हक़ीकत नहींआदत है तू मेरी रहबर मेरे जब था मेरे नालसमझ

Read more

फेसबुक मे पहले की प्रेम कविता : कविता – अलका अग्रवाल सिगतिया

कई बार अनुरोध किया था तुमनेदे दूं, तुम्हें अपनी कोई तस्वीरताकि जब मैं साथ नहीं तुम्हारे,बातें कर सको, मेरी तस्वीर

Read more

तू वी मिट्टी मैं वी मिट्टी – बाबा फरीद

बाबा फरीद ने क्या खूब कहा है – वेख फरीदा मिट्टी खुल्ली,मिट्टी उत्ते मिट्टी डुली,मिट्टी हांसे, मिट्टी रोवे,अंत मिट्टी दा,

Read more

मोहब्बत क्यूं जताते हो : कविता – अलका अग्रवाल सिगतिया

कहा तुमने करते हो बेपनाह मोहब्बत मुझसेमैंने मान लिया, करते हो बेपनाह मोहब्बत मुझसेजानते थे कि दुनिया का सबसे बड़ा

Read more

घर: हूबनाथ पांडे की कविता – वीडियो

घरकविता: हूबनाथ पांडे, विख्यात कविस्वर: अलका अग्रवाल, लेखिका-कवयित्री

Read more

महामारी: हूबनाथ पांडे की कविता – वीडियो

महामारीकविता: हूबनाथ पांडे, विख्यात कविस्वर: अलका अग्रवाल, लेखिका-कवयित्री

Read more